लखीमपुर खीरी के निघासन कांड में मृतक रामचंद्र के साथ गांव हुलासीपुरवा के अन्य तीन साथी सुरेश मोहन और मुनेश भी जंगल गए थे। इन युवकों ने बताया कि पुलिस ने रामचंद्र समेत उन्हें गाड़ी में बैठा लिया। रास्ते में रामचंद्र को उतार दिया और तीन लोगों को थाने में जाकर बंद कर दिया। आरोप है कि पुलिस ने तीनों लोगों काे छोड़ने के लिए 90 हजार रुपये मांगे थे।
Abhigya Times, लखीमपुर। निघासन कांड में रामचंद्र के साथ गांव हुलासीपुरवा के अन्य तीन साथी सुरेश, मोहन और मुनेश भी जंगल गए थे, जिन्होंने पोस्टमार्टम हाउस पर बताया कि वह लोग सोमवार को रामचंद्र के साथ जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। वहां पर मझगई और निघासन की पुलिस पहुंची, तब वह लाेग साइकिल पर लकड़ी के गठ्ठर लाद रहे थे। शराब बनाने वाले भाग गए।
पुलिस ने रामचंद्र समेत सुरेश, मोहन व मुनेश को पकड़कर गाड़ी में बैठा लिया। रास्ते में मन्नापुर गांव के पास रामचंद्र को उतार दिया और तीन लोगों को थाने में जाकर बंद कर दिया। मोहन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने तीनों लोगों काे छोड़ने के लिए 90 हजार रुपये मांगे थे। इसके बाद रामचंद्र की मौत होने पर पुलिस ने आनन-फानन में तीनों लोगों को छोड़ दिया था। पुलिस ने ऐसे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
पुलिस अधिकारी करते रहे टाल-मटोल
मंगलवार को मृतक रामचंद्र के शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल से कराए जाने के बाद देर शाम तक पुलिस अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी देने में टाल-मटोल करते रहे। शाम साढे़ छह बजे एसपी गणेश प्रसाद साहा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की बावत कहा कि अभी रिपोर्ट आई नहीं है, जबकि डॉक्टरों द्वारा दोपहर एक बजे तक पोस्टमार्टम करके शव पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था।