निघासन। मझगईं थाने के हुलासीपुरवा गांव में रहने वाले गैंगस्टर रामचंद्र (40) की संदिग्ध हालात में माैत हो गई। परिजनों ने पुलिस की पिटाई से जान जाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि रामचंद्र दोस्तों के साथ लालबोझी जंगल में लकड़ी बीनने गया था। तभी पुलिस उसे मझगईं थाने ले गई और जमकर पीटा। वहीं, पुलिस का कहना है कि जंगल में अवैध रूप से शराब बनाने की शिकायत पर उसे व उसके दोस्तों को हिरासत में लिया गया था। मारपीट का आरोप गलत है।
दिनेश ने बताया कि उसका भाई रामचंद्र सोमवार शाम को दोस्तों मोहन, सुरेश और मुनेश के साथ लकड़ी बीनने गया था। मझगईं थाने के सिपाहियों के साथ एक एसआई और निघासन कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मी पहुंचे। वे रामचंद्र और उसके एक साथियों को पकड़कर मझगईं थाने ले गए। वहां रामचंद्र को बुरी तरह पीटा। हालत बिगड़ने पर पुलिस वाले उसे अपनी गाड़ी से निघासन सीएचसी लाए। यहां उसको छोड़कर फरार हो गए। चिकित्सकों ने रामचंद्र को मृत घोषित कर दिया। इस पर परिजनों और गांव वालों ने सीएचसी में हंगामा भी किया। इस बीच मझगईं थाने और निघासन कोतवाली की पुलिस ने शव को जबरन पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
रामचंद्र और उसके गांव के कुछ लोग अवैध रूप से शराब बनाने का काम करते थे। सात-आठ दिन पहले रामचंद्र पर गैंगस्टर लगाया गया था। कहा जा रहा कि सोमवार को भी शराब बनाने की सूचना पर पुलिस जंगल पहुंची थी।
जंगल में शराब बनाने की शिकायत पर पुलिस ने तीन-चार लोगों को हिरासत में लिया था। किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है। केवल पूछताछ की गई थी। उसकी मौत कैसे हुई, यह जांच का विषय है।