इन दिनों लखनऊ का औसत एक्यूआई 250 के करीब है। ऐसे में यहां की हवा में सांस लेने वाला व्यक्ति रोजाना 12 सिगरेट का धुआं अपने फेफड़ों में भर रहा है। पढ़ें – एक जरूरी रिपोर्ट
राजधानी लखनऊ की जिस जहरीली हवा में हम सांस ले रहे हैं, वह हमारे दिल को बीमार बना रही है। हवा में मौजूद पीएम-2.5 समेत अन्य रसायन सांसों के जरिये खून में मिलकर दिल को उतना ही नुकसान पहुंचा रहे हैं, जितना हाई कोलेस्ट्रॉल और अनियंत्रित डायबिटीज पहुंचाती है। ये चौंकाने वाली जानकारी आईआईटीआर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विष विज्ञान सम्मेलन में आए अमेरिका के लुईविल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय श्रीवास्तव ने अपने एक दशक तक चले शोध के नतीजों के हवाले से दी।
अमर उजाला से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रदूषण हमारी धमनियों को भीतर से कमजोर और संकरा बना रहा है। इससे दिल पर जोर पड़ने से स्थायी व घातक समस्याएं पैदा हो रही हैं। वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों व बुजुर्गों को पहुंच रहा है। जहरीली हो चुकी हवा में सांस लेने से इनमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो रही है।