अविवाहित बहन से भाई ने मुंह फेर लिया। पड़ोसियों ने उसका अंतिम संस्कार किया। वह घरों में काम करके जीवन यापन करती थी।
दिन-ब-दिन अपने ही अपनों से दूरी बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ के तेलीबाग में सोमवार सुबह देखने को मिला जब एक भाई अकेली रह रही बहन का अंतिम संस्कार तक करने नहीं पहुंचा।
हैबतमऊ मवैया निवासी वंदना चटर्जी (64) का शव सोमवार सुबह उनके कमरे में मिला। सूचना के बावजूद जब वृद्धा का भाई नहीं आया तो पड़ोसियों ने गुलालाघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया। कई साल पहले वंदना इंदिरानगर में मां-पिता के साथ रहती थीं। वह अविवाहित थीं।
अपनी पीड़ा बताते हुए रोने लगती थी
मां-पिता की मृत्यु होने पर वंदना अपने भाई के घर जाकर रहने लगीं। पर कुछ समय बाद ही भाई ने वंदना को घर से निकाल दिया था। इसके बाद वह तेलीबाग में रामकरण के मकान में किराये पर जाकर रहने लगीं। वह घरों में काम कर पेट पालती थीं। मकान मालिक ने बताया कि वंदना अपनी पीड़ा बताते हुए रोने लगती थी।