शुक्रवार को अचानक बाघ आया। चंद सेकेंड में वनरोज का मांस मुंह में दबाकर भाग निकला। वन विभाग की टीमें और अफसर बस देखते रह गए। उधर, बाघ की दहशत से ग्रामीणों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है।
राजधानी लखनऊ में काकोरी के रहमानखेड़ा में वन विभाग की टीम बृहस्पतिवार को रातभर बकरी को पिंजरे में बांधकर इंतजार करती रही, पर बाघ नहीं आया। शुक्रवार को जब आया तो वनरोज (जिसका बृहस्पतिवार को उसने शिकार किया था) का मांस खींचकर भाग गया। उधर, वनकर्मी ताकते ही रह गए। बाघ को पकड़ने की जद्दोजहद जारी है। जंगल में टीमों के साथ अफसर भी जुटे हैं।
दस दिन पहले इलाके में बाघ देखा गया था। बृहस्पतिवार को उसने वनरोज का शिकार कर दिया। जिस जगह शिकार किया था, उससे करीब सौ मीटर की दूरी पर बृहस्पतिवार शाम को बकरी को बांधकर पिंजरा लगाया गया। अंदेशा था कि रात में बाघ आएगा और बकरी के फेर में पिंजरे में फंस जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ।
ट्रैप कैमरे भी लगाए गए
एसडीओ के साथ 15 सदस्यीय पेट्रोलिंग टीम 24 घंटे निगरानी कर रही हैं। सात फोटो ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं। हालांकि, अफसरों का कहना है कि इन कैमरों में अब तक बाघ कैद नहीं हो सका है। मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने बताया कि ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
रेंजर को लगी फटकार
मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह मौके पर पहुंचीं तो रेंजर उन्हें जंगल में लेकर गईं। पता चला कि जिस जगह बाघ की चहलकदमी थी और जिधर पिंजरा लगाया गया था, वह उसके विपरीत उन्हें ले गईं। इस पर रेनू सिंह ने रेंजर को जमकर फटकारा। इसके बाद वह उन्हें सही जगह पर लेकर पहुंची।