कोरोना संक्रमण के बराबर ही घातक एक और वाइरस है जिसे अफवाह कह सकते हैं। यह अफवाह है। वैक्सीन लेने वाले मर्द बाप नहीं बन सकते हैं और औरतें बांझ हो सकती हैं। जबकि इसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं। ट्यूबरक्लोसिसए पोलियो और अब कोरोना की वैक्सिनेशन टीम ने हमेशा अपनी मुहिम के बीच इस अफवाह से भी टक्कर ली है। जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने इसे प्रूफ़ किया है।
फ़ाइज़र और मोडेरेना वैक्सीन पुरुषों में स्पर्म की संख्या कम नहीं करते हैं बल्कि ये वीर्य के स्तर को बढ़ा सकते हैं। मियामी यूनिवर्सिटी में जिन पुरुषों को हाल में टीका लगाया गया उनके स्पर्म की संख्या टीका लगाने से पहले और बाद में काउंट की गईं। उन पुरुषों के स्पर्म की संख्या में कोई कमी नहीं पाई गई जिन्हे फ़ाइज़र बायोएनटेक और मोडेरेना वैक्सीन के एक या दोनों डोज़ दिए गए। बल्कि ये देखने में आया कि इन पुरुषों के सीमेन में स्पर्म की संख्या बढ़ गई थी।
रिसर्च टीम का मानना है कि ये परिणाम अफवाहों और सोशल मीडिया पर रिप्रोडक्शन की क्षमता को कम करने वाले नैरेटिव को करारा जवाब है। रिसर्च टीम ने 18 से 50 साल के ऐसे पुरुषों को चुना जिनकी कोविड संबंधी कोई हिस्ट्री नहीं थी। पूरी एहतियात के साथ वैक्सीन लगने के पहले और 2 से 7 दिनों के बाद इनके स्पर्म काउंट किये गए। एमआरएनए वैक्सीन की दूसरी खुराक लगने के 70 दिन बाद उनके स्पर्म की संख्या का एक बार फिर विश्लेषण किया गया। मिलने वाले नतीजे इस तरह थे .
* फ्ल्यूड में एवरेज स्पर्म काउंट 26 million/ml से बढ़कर 30 million/ml हो गई, जो 15 प्रतिशत की वृद्धि है।
* स्पर्म की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि लगभग 90 प्रतिशत थी जबकि इनमे आने वाली सबसे बड़ी कमी लगभग 20 प्रतिशत थी।
* शुक्राणु की मात्रा और शुक्राणु की गतिशीलता में भी काफी वृद्धि हुई है।
रिसर्च टीम का मानना है की टीका स्पर्म वृद्धि का कारण नहीं हो सकता और इनकी संख्या में उतर चढ़ाव भी आम बात है मगर ऐसा मुमकिन है की वैक्सिनेशन के समय पुरुषों द्वारा बरता गया संयम पालन उनके शुक्राणु वृद्धि की वजह हो सकता है। लेकिन ये साफ़ है कि वैक्सीनेशन पुरुषों में स्पर्म की संख्या को कम नहीं करता है।
इस साल की शुरुआत में एक जर्मन स्टडी से पता चलता है कि कोरोनावायरस के कारण स्पर्म में सूजन कम गतिशीलता और ऑक्सीकृत तनाव ;वगपकप्रमक ेजतमेेद्ध जैसे लक्षण सामने आये थे। जी पुरुषों में कोविड पाया गया था उनके स्पर्म कंसन्ट्रेशन में भी 500 प्रतिशत से अधिक की कमी देखी गई। इससे पहले एक जर्मन स्टडी से पता चलता है कि कोरोनावायरस के कारण स्पर्म में सूजन, कम गतिशीलता और ऑक्सीकृत तनाव (oxidized stress) जैसे लक्षण सामने आये थे। जिन पुरुषों में कोविड पाया गया था उनके स्पर्म कंसन्ट्रेशन में भी 500 प्रतिशत से अधिक की कमी देखी गई।