सीतापुर। मिश्रिख रेंज में मंगलवार को मृत मिले बाघ का बुधवार को पोस्टमार्टम किया गया। इसमें पाया गया कि बाघ के लिवर-किड़नी में संक्रमण था और सात दिन से भूखा था। उसका पेट व आंत खाली मिली। हालांकि, साढ़े तीन घंटे चले पोस्टमार्टम के बाद भी बाघ की मौत का स्पष्ट कारण नहीं पता चल सका। ऐसे में विसरा सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजा गया है।
मृत बाघ के शव का पोस्टमार्टम पांच सदस्यीय पैनल ने किया। इसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दक्ष गंगवार, परसदा के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. संत प्रकाश त्यागी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया व एनटीसीए के एक-एक प्रतिनिधि और डीएफओ नवीन खंडेलवाल शामिल रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक बाघ नर था और उसकी उम्र नौ से दस साल के बीच थी। बाघ के शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं मिले हैं। उसके दांत व नाखून सुरक्षित पाए गए हैं। बाघ के आंतरिक अंगों के परीक्षण में पता चला कि वह गंभीर बीमारी से पीड़ित था, जिससे उसकी किडनी व लिवर सहित कई आंतरिक अंग संक्रमित हो चुके थे। बाघ का पेट व आंत खाली मिली। डाॅक्टरों के मुताबिक, संभवत: बाघ पिछले तीन-चार दिन से ठीक तरह से भोजन नहीं कर पा रहा था। बीमार बाघ की भूख से मौत हुई है। बाघ किस बीमारी से पीड़ित था, इसका पता नहीं चल सका है। विसरा जांच के बाद बीमारी का पता चल सकेगा। उसके शरीर के अंदर मौजूद संक्रमण की सही जानकारी पता चलेगी। इसलिए विसरा सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है।
पोस्टमार्टम बुधवार दोपहर 12:30 बजे शुरू हुआ और शाम 3:30 बजे तक चला। पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। डीएफओ नवीन खंडेलवाल के मुताबिक बाघ के पोस्टमार्टम में कई तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं। इस वजह से पोस्टमार्टम में समय लगता है। एक निर्धारित एसओपी का पालन किया जाता है।
बाघ के विसरा सैंपल की जांच में तीन से चार दिन का समय लग सकता है। आईवीआरआई बरेली में विसरा की जांच होनी है। विसरा जांच के बाद रिपोर्ट आने पर यह स्पष्ट होगा कि बाघ किस बीमारी से ग्रस्त था। उसके शरीर के अंदर मौजूद संक्रमण की सटीक जानकारी मिलेगी।
बाघ के पोस्टमार्टम से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार वह बीमार था। बाघ की किडनी व लिवर संक्रमित थे। बीमारी का पता लगाने के लिए विसरा सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजा गया है।