लखीमपुर खीरी। जिले में 20 माह से चल रहा रीवैंप योजना का काम अब तक 50 प्रतिशत ही हो सका है, जबकि कार्यों की समयावधि में केवल नौ दिन बचे हैं। ऐसे में तय है कि गर्मी में बिजली एक बार फिर रुलाएगी। सुस्त गति से चल रहा काम और विभागीय अफसरों की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।
हालांकि विभाग की ओर से कंपनी को कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है, फिर भी कार्यों की रफ्तार नहीं बढ़ सकी। जिले में रीवैंप योजना का काम अप्रैल 2023 को शुरू हो गया था, जो जनवरी 2025 तक पूरा होना था।
लखीमपुर और गोला सर्किल का बजट 140 करोड़ रुपये है, जिसमें 88.50 करोड़ रुपये लखीमपुर सर्किल का है। लखीमपुर सर्किल में निघासन, मितौली और लखीमपुर डिविजन हैं और गोला सर्किल में पलिया, गोला और मोहम्मदी डिवीजन हैं।
लखीमपुर सर्किल के कार्यों पर नजर डालें तो 21 हजार बिजली के खंभे लगाए जाने हैं। जिसमें 18,556 खंभे लग चुके हैं। 900 किलोमीटर तार बिछाने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 650 किलोमीटर बिछाए जा चुके हैं। लखीमपुर में चार, निघासन में एक और मितौली में सात ऐसे फीडर हैं, जहां लोड मानक से अधिक है। इन फीडरों का लोड कम करने का काम चल रहा है।
कृषि पोषण लाइन को अलग करने का काम किया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिजली चोरी होती थी, वहां पर आर्मर्ड केबल डाले जा रहे हैं। इसका लक्ष्य दो किलोमीटर है, जिसमें अब तक मात्र एक किलोमीटर का काम अब तक हुआ है। वहीं 11 हजार केवीए जर्जर लाइन को बदला जा रहा है। 900 किलोमीटर लक्ष्य के मुताबिक अब तक 525 किलोमीटर का काम पूरा हुआ है।
जर्जर लाइन बदलने के लिए 12 किलोमीटर सर्किल का लक्ष्य है, जिसका अधिकांश काम होना बताया जा रहा है। लखीमपुर सर्किल के 74 फीडरों पर काम चल रहा है, जिसमें 24 फीडरों का काम पूरा होना है।