उन्नाव। नगर पालिका और जल निगम की अनदेखी का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। पानी की शुद्धता बनाए रखने के लिए पालिका हर साल पानी की टंकियों (ओवरहेड टैंक) की सफाई पर करीब तीन लाख रुपये खर्च करती है। टंकियों पर लिखी सफाई की तारीख, सफाई को कागजी साबित करने के लिए काफी है। वहीं, 265 करोड़ की अमृत पेयजल योजना छह साल बाद भी साकार नहीं हो पाई। इससे शहर की साढ़े तीन लाख आबादी शुद्ध पेयजल का इंतजार कर रही है।
नगर पालिका की पेयजल व्यवस्था दशकों पुराने संसाधनों पर निर्भर है। शहर में आपूर्ति होने वाले पानी की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए नगर पालिका, साल में दो बार टंकियों की सफाई का दावा करता है। ब्लीचिंग पाउडर, लेवर चार्ज व अन्य मदों में औसतन तीन लाख रुपये खर्च होते हैं। हकीकत यह है कि कई साल से टंकियों की सफाई नहीं हुई। किसी में सफाई की नई तारीख लिखकर काम चलाया जा रहा है तो किसी में बिना तारीख लिखे ही सफाई का दावा किया जा रहा है।
नगर पालिका क्षेत्र में नौ ओवरहेड टैंक और 20 ट्यूबवेलों की सफाई की जिम्मेदारी जलकल विभाग की है, लेकिन सफाई न होने से काई और जंग युक्त पानी लोगों के घर पहुंचता है। मौहारीबाग ट्यूबवेल की टंकी पर सफाई की तारीख 30 जुलाई 2024 लिखी है। आवास विकास-ए ब्लॉक की टंकी में सफाई की तारीख 16 मई 2020 दर्ज है। पन्नालाल पार्क स्थित टंकी में रिसाव होने से बंद है और पानी को सीधे पंप के जरिये सप्लाई किया जा रहा है। यही हाल किला मोहल्ला की टंकी का है। अन्य टंकियों की टंकियों की सफाई नहीं हुई है।