सीतापुर। पड़ोसी जिले बहराइच में भड़की हिंसा के बाद दूसरे दिन मंगलवार को जिले में पुलिस व प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। हालात में सुधार को देखते हुए दो दिन से बंद सीतापुर-बहराइच बार्डर को 32 घंटे बाद कुछ प्रतिबंधों के साथ खोल दिया गया। इस दौरान बार्डर पर पूरी गहनता से जांच के बाद ही आवश्यक सामग्री की उठान से जुड़े वाहनों को ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है।
पुलिस व प्रशासन ने मंगलवार को भी सतर्कता बरतते हुए हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं को अघोषित तौर पर नजरबंद बनाए रखा। अमन चैन कायम रखने के लिए रेउसा में एएसपी उत्तरी प्रकाश कुमार, सीओ बिसवां सतीश शुक्ला और महमूदाबाद में एएसपी दक्षिणी प्रवीण रंजन ने कैंप कर पुलिस फोर्स के साथ रूट मार्च भी किया।
बहराइच में हुई हिंसा के बाद रेउसा के चहलारी घाट पुल (बहराइच सीमा) पर सोमवार सुबह आठ बजे से आवागमन बंद कर दिया गया था। इस दौरान बैरीकेडिंग लगाकर पुलिस दोनों तरफ से आने वाले वाहनों को वापस भेज रही थी। मंगलवार को दोपहर तक बार्डर पर वाहनों की आवाजाही को बंद रखा गया। इससे बहराइच जाने वाले लोगों को लखीमपुर व लखनऊ के रास्ते से करीब 100 किलोमीटर का लंबा चक्कर काट कर गंतव्य तक पहुंचना पड़ा।
थानाध्यक्ष हनुमंत लाल तिवारी ने बताया कि मंगलवार को शाम चार बजे के बाद बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र में हालात सामान्य होने के बाद आवश्यक सामग्री ले जाने वाले ट्रकों , अस्पताल आदि जा रहे वाहनों को चेकिंग के बाद बहराइच जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई।
सख्त निगरानी में रहे हिंदूवादी संगठन के पदादिकारी
शहर में राणी सती मंदिर के पास स्थित आजाद हिंद भगत संगठन के कार्यालय पर अघोषित तौर से नजरबंद पदाधिकारियों नगर उपाध्यक्ष मनीष हिंदू और नगर संयोजक बंधन को बहराइच न जाने की हिदायत भी दी गई। शहर कोतवाल अनूप शुक्ला ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने किसी को नजरबंद नहीं कर रखा है। सकरन में बहराइच जाने का प्रयास कर रहे हिन्दूवादी संगठन के नेता वीरू तिवारी को पुलिस ने रेउसा बार्डर पर ही रोक दिया।