मिषारण्य (सीतापुर)। अयोध्या-काशी समेत प्रमुख तीर्थों से नैमिष को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए हेलीपोर्ट का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां तीन हेलीकॉप्टर एक साथ उतारे जा सकते हैं। हेलीपोर्ट से जनवरी 2025 से हेलीकॉप्टर की उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है।
विश्व विख्यात नैमिषारण्य तीर्थ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। नैमिष दर्शन को सुलभ बनाने के लिए इसे हवाई मार्ग से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए यहां दो हेक्टेयर में नौ करोड़ की लागत से हेलीपोर्ट का निर्माण पर्यटन विभाग की देखरेख में किया जा रहा है। निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है।
दरअसल, मार्च 2024 में ही हेलीपोर्ट का संचालन शुरू होना था, लेकिन पहले से प्रस्तावित कार्यों के अलावा कुछ अन्य काम कराए जाने की योजना बाद में बनी। इससे निर्माण कार्य का समय बढ़ गया। अब ढाई महीने का काम शेष है। हेलीपोर्ट पर एक साथ तीन हेलीकाॅप्टर उतारने व उड़ान भरने की व्यवस्था की गई है। उड़ान की सुविधा होने पर नैमिष दर्शन करने के बाद तीर्थ यात्री चंद मिनटों में हेलीकॉप्टर से प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या आदि धार्मिक स्थलों तक पहुंच सकेंगे।
पांच या सात सीटर होंगे हेलीकॉप्टर
हेलीपोर्ट से जो हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे, वे पांच या सात सीटर होंगे। हेलीपोर्ट में एक टर्मिनल बिल्डिंग होगी, जिसमें वीआईपी के बैठने के लिए एक रूम बनाया जा रहा है। इसके अलावा एटीसी बिल्डिंग व हैंगर बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें पार्किंग स्थल बनाया जाएगा। परिसर को बांउड्रीवॉल से कवर किया जाएगा। चारों तरफ हरियाली के लिए पेड़ पौधे लगाए जाने हैं। प्रस्तावित कार्यों के अलावा सीसी रोड व अन्य काम भी शुरू किए गए हैं।
जनवरी से उड़ान शुरू करने का लक्ष्य
हैलीपोर्ट निर्माण योजना में कई और कार्य बढ़ जाने से काम का समय बढ़ा है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। जनवरी 2025 से उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है।
– आशुतोष, सहायक अभियंता पर्यटन निगम