बांकेगंज। किशनपुर सेंक्चुरी से सटे खेत में लाही फसल की रखवाली कर रहे युवक पर जंगल से निकले एक बाघ ने हमला कर दिया। यह देख उधर से गुजर रहे ग्रामीण के शोरगुल करने पर बाघ उसे छोड़कर गन्ने के खेत में छिप गया।
ब्लॉक क्षेत्र की खंजनपुर पंचायत के बासुकपुर गांव निवासी शंभूदयाल का 18 वर्षीय पुत्र बलराम थाना भीरा क्षेत्र के कटैया गांव निवासी बहनोई राजपाल के जंगल से सटे खेत में लाही फसल की रखवाली कर रहा था। इस दौरान शाम पांच बजे करीब जंगल से निकले बाघ ने बलराम पर हमला कर उसे झपट्टा मार कर घायल कर दिया।
यह देख उधर से गुजर रहे कटैया गांव निवासी नन्हे के शोर-गुल मचाने पर बाघ गन्ने के खेत में छिप गया। इस हमले में बलराम के पिछले हिस्से व पैर में जख्म हो गए। सूचना पर किशनपुर सेंक्चुरी के वन्यजीव प्रतिपालक धर्मेंद्र द्विवेदी और वन कर्मियों की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से उसे बिजुआ सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है।
नन्हे की दिलेरी से बची बलराम की जान
बाघ हमले में घायल हुए बलराम की जान कटैया गांव निवासी नन्हे की दिलेरी से बच सकी। जिस समय बाघ ने बलराम पर हमला किया, संयोग से उसी समय नन्हे उधर से गुजर रहा था। नन्हे बिना डरे जोर-जोर से शोरगुल करने लगा। उसके शोर मचाने पर बाघ बलराम को छोड़ कर गन्ने के खेत में छिप गया। जिससे उसकी जान बच गई। यदि समय रहते नन्हे घटनास्थल पर नहीं मौजूद होता तो बलराम बाघ के हमले का शिकार हो जाता। उसकी दिलेरी पर दुधवा नेशनल पार्क के उप निदेशक डॉ रंगाराजू टी. ने तत्काल किशनपुर सेंक्चुरी के वन्यजीव प्रतिपालक धर्मेंद्र द्विवेदी को कटैया गांव भेज कर नन्हे को एक कंबल उपहार में दिया गया।
बाघ हमले में घायल हुए बलराम की जान कटैया गांव निवासी नन्हे की दिलेरी से बच सकी। जिस समय बाघ ने बलराम पर हमला किया, संयोग से उसी समय नन्हे उधर से गुजर रहा था। नन्हे बिना डरे जोर-जोर से शोरगुल करने लगा। उसके शोर मचाने पर बाघ बलराम को छोड़ कर गन्ने के खेत में छिप गया। जिससे उसकी जान बच गई। यदि समय रहते नन्हे घटनास्थल पर नहीं मौजूद होता तो बलराम बाघ के हमले का शिकार हो जाता। उसकी दिलेरी पर दुधवा नेशनल पार्क के उप निदेशक डॉ रंगाराजू टी. ने तत्काल किशनपुर सेंक्चुरी के वन्यजीव प्रतिपालक धर्मेंद्र द्विवेदी को कटैया गांव भेज कर नन्हे को एक कंबल उपहार में दिया गया।