Home Uttar Pradesh Lucknow लखनऊ बैंक लूट: वो तीन कॉल…जिसने लॉकर तोड़ने वालों तक पुलिस को...

लखनऊ बैंक लूट: वो तीन कॉल…जिसने लॉकर तोड़ने वालों तक पुलिस को पहुंचाया, मोबाइल पर बात कर रहे थे बदमाश

0
0

Lucknow bank robbery:लखनऊ के चिनहट में हुई बैंक लूट का खुलासा हो गया है। बदमाश आपस में मोबाइल के माध्यम से बात कर रहे थे वही उनके लिए जानलेवा साबित हुआ।

चिनहट के मटियारी स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकर काट कर करोड़ों रुपये के गहने और कीमती सामान पार करने वाला गिरोह बेहद शातिर है। गिरोह ने वारदात अंजाम देने से पहले चार दिन तक उसका खाका तैयार किया था। पर, उनकी तीन फोन कॉल ने पुलिस को गिरोह तक पहुंचा दिया। एक पुलिस अफसर के मुताबिक, दीवार में सेंध लगाने के बाद चोर दो टोलियों में बंट गए। एक टोली बैंक के अंदर दाखिल हुई, जबकि दूसरी बाहर की हरकतों पर नजर गड़ाए हुए थी। एक-दो ऐसे भी रहे, जो एक-दो बार भीतर जाकर वापस बाहर आए। पुलिस ने तफ्तीश के दौरान बैंक के भीतर और बाहर की सीसीटीवी फुटेज देखी।

एक फुटेज में बैंक के भीतर हेलमेट लगाया चोर फोन पर बात करता दिखा। इससे पुलिस को सुराग लगा। जब बाहर की फुटेज देखी, तो उसमें भी उसी समय पर एक चोर फोन पर बात करते दिखा। इससे साफ हो गया कि दोनों आपस में बात कर रहे थे।

कितने लॉकर टूटे…और कितना समय लगेगा
बैंक के अंदर दाखिल हुए चोरों ने करीब साढ़े तीन घंटे तक लॉकरों को काटा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अंदर और बाहर की टोली में शामिल चोरों ने तीन बार फोन पर बात की थी। पकड़े गए आरोपियों ने कुबूला कि, कितने लॉकर टूटे, और कितना समय लगेगा, इसको लेकर वे बात कर रहे थे। पता चला कि जो बैंक के अंदर मोबाइल पर बात कर रहा था, वह पुलिस मुठभेड़ में घायल बिहार के मुंगेर का अरविंद कुमार था।

मोबाइल पर बात करती मिली सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस की राह आसान कर दी। पुलिस को बस वहां सक्रिय मोबाइल नंबरों का डाटा निकलवाना था। डाटा निकलवाते ही पुलिस के हाथ उनके मोबाइल नंबर लग गए। ये नंबर वारदात के बाद भी ऑन रहे इससे इनकी लोकेशन ट्रेस करने में आसानी हुई। इससे 28 घंटों में ही वारदात का खुलासा हो गया।

बिहार का गिरोह 17 दिसंबर को ही लखनऊ आ गया था। लगातार चार दिनों तक गिरोह ने बैंक और आसपास के इलाके की रेकी की। इस दौरान गिरोह ने बैंक में आसानी से दाखिल होने के रास्ते की तलाश की। आसपास कहां-कहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, इसका भी पता लगाया। चार दिन एक-एक चीज की बारीकी से रेकी करने के बाद गिरोह ने तय किया कि शनिवार की रात वारदात अंजाम दी जाएगी।

शनिवार रात 12 बजे के आसपास गिरोह दो बाइकों से बैंक के पास पहुंचा। बैंक से कुछ दूरी पर बाइकों को खड़ी कर खाली प्लॉट के रास्ते बैंक की दीवार में सेंध लगाकर अंदर दाखिल हो गए। चूंकि उनको पता था कि सीसीटीवी कैमरे कहां-कहां है, इसलिए पहचान छिपाने के लिए किसी ने मुंह पर नकाब लगा रखा था, तो किसी ने हेलमेट पहना हुआ था।

बैंक अफसरों का दावा- नहीं थी कोई चूक

लॉकर तोड़कर चोरी के मामले में बैंक अफसरों ने सफाई दी कि बैंक की तरफ से सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। आरबीआई के नियमों के मुताबिक पूरी व्यवस्था थी। लॉकर में डबल लॉक रहता है। इसकी एक चाबी बैंक के पास और दूसरी ग्राहक के पास होती है। ऑडिट विभाग समय-समय पर इमारत की सुरक्षा की पड़ताल करता है। ऑडिट में बैंक के भवन को सुरक्षित बताया गया था। सोमवार को इंडियन ओवरसीज बैंक के जोनल हेड विकास वर्मा भी मौके पर पहुंचे और टूटे हुए लॉकरों को देखा।

रात में बैंकों के बाहर गार्डों की तैनाती का नियम नहीं
जिला अग्रणी प्रबंधक लखनऊ मनीष पाठक का कहना है कि इंडियन ओवरसीज बैंक प्रबंधन से पता चला है कि बैंक की तरफ से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी। सभी बैंक आरबीआई के नियमों के तहत ही संचालित होते हैं। किसी भी बैंक में रात में गार्डों की तैनाती नहीं होती है। सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस और गश्ती दल की होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here