सीतापुर। महाकुंभ में संगम के करीब स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में सीतापुर के कई श्रद्धालुओं ने डेरा डाल रखा था। सर्द रात में थकान व नींद की खुमारी हावी थी। रात करीब डेढ़ बजे एकाएक भागो-भागो का शोर मचा और हर कोई बिना सोचे-समझे हादसे का हिस्सा बन गया।
खैराबाद क्षेत्र के कैथाभारी निवासी बृजकिशोर भी अपने पौत्र प्रदीप के साथ भाग खड़े हुए। इनके साथ नेरपुर निवासी नौमीलाल भी थे। मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान किए बिना ये लोग लौट रहे हैं। कहते हैं कि गंगा मइया ने रक्षा की, सही सलामत हैं।
बृजकिशोर बताते हैं कि हर तरफ भागो और बचाओ की चीख-पुकार मची थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ और हम क्या करें। बस हादसे में जिधर रास्ता मिला, भागते रहे। बृजकिशोर बताते हैं कि कोई सही जानकारी देने वाला नहीं था। जितने मुंह उतनी बातें सुनाई दे रही थीं।
कोई बोल रहा था कि बहुत सारे श्रद्धालुओं की मौत हो गई तो कोई कह रहा था कि सैकड़ों लोग हादसे में फंसकर चोटिल हो गए हैं। हालात बिगड़ते देख किसी तरह बचते-बचाते हुए प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुंच पाए, तब जान में जान आई।
बृजकिशोर के मुताबिक करीब ढाई बजे रेलवे स्टेशन पर अयोध्या जाने वाली ट्रेन तैयार खड़ी थी, उसी में सवार हो लिए। अयोध्या से लखनऊ होकर अब घर लौट रहे हैं। बेहद मायूसी भरे लहजे में बोले कि हादसे के कारण मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं कर सके। हालांकि सोमवार को पहुंचने के बाद स्नान कर लिया था लेकिन अमृत स्नान की हसरत अधूरी रह जाने का इन्हें मलाल है।