Unnao News: फाइलेरिया इकाई में तैनात तैनात बायोलोजिस्ट को चिकित्सा अवकाश की संस्तुति के बदले घूस ली थी। मामले में विभाग के कर्मियों का कहना है कि अधिकारी ने हर चीज का रेट तय कर रखा था। बिना बताए अनुपस्थित रहने पर एक दिन का एक हजार रुपये तय था और दफ्तर पहुंचने में देर होने पर पांच सौ रुपये रेट तय था।
उन्नाव जिले में चिकित्सा अवकाश स्वीकृत करने के बदले विभागीय कर्मचारी से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने में विजिलेंस टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी को पकड़ लिया। टीम उन्हें अपने साथ लखनऊ लेकर चली गई है। जिले में तैनात मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव ने विभाग में फाइलेरिया, नियंत्रण इकाई में तैनात तैनात बायोलोजिस्ट केके गुप्ता से उनका चिकित्सा अवकाश स्वीकृत करने के बदले 10 हजार रुपये रिश्वत की मांगी थी।
परेशान होकर बायोलोजिस्ट ने सर्तकता अधिष्ठान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिसूचना से लिखित शिकायत की थी। शिकायत पर पहुंची 12 सदस्यीय विजिलेंस टीम ने सोमवार दोपहर उन्हें घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। जब तक लोग कुछ समझ पाते दो वाहनों से आई टीम उन्हें कार में डालकर सीधे लखनऊ लेकर चली गई। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि विजिलेंस टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अभी उनके पास कोई लिखित सूचना नहीं आई है।
19 दिन अवकाश के अलग से मांग रहे थे रुपये
शिकायतकर्ता बायोलोजिस्ट केके गुप्ता ने बताया कि उन्हें चोट लग गई थी। इस पर 24 जून से 23 जुलाई तक चिकित्सा अवकाश लिया था। इसके बाद भी तबीयत में सुधार न होने पर 11 अगस्त तक कार्यालय नहीं पहुंच सका। फिर 12 अगस्त को ज्वाइन किया, लेकिन जिला मलेरिया अधिकारी ने न तो पूर्व में सीएमओ की ओर से स्वीकृत 30 दिन के अवकाश का वेतन जारी करने का स्वीकृति पत्र अग्रसारित किया और न ही बाद के 20 दिन का। पीड़ित के मुताबिक अगस्त माह में बाकी बचे दिन का वेतन जारी करने की संस्तुति के भी अलग से 10 हजार रुपये की मांग कर रहा था।