सकरन (सीतापुर)। सिरकिंडा गांव से मंगलवार शाम अगवा हुए बालक का शव बृहस्पतिवार को लखीमपुर जिले में शारदा नहर से बरामद हुआ। बालक के दोनों हाथ रस्सी के सहारे पीछे से बंधे हुए थे। गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
मामले में परिजनों ने गांव के ही तीन लोगों पर बेटे को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने बालक की गला दबाकर हत्या करने व शव को नहर में फेंकने की बात कबूल ली।
उनकी निशानदेही पर ही पुलिस ने शव को बरामद किया। मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी फरार है। उधर, मासूम के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में हंगामा किया। इसके बाद मतुआ मार्ग जाम कर दिया। एसपी के आश्वासन पर करीब दस घंटे बाद परिजनों ने प्रदर्शन खत्म किया।
सिरकिंडा गांव निवासी शिव्यांश मिश्र (11) मंगलवार शाम 5:30 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। उसके घरवालों ने बुधवार को बालक के अपहरण की आशंका जताते हुए गांव निवासी तीन लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी थी।
गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों अंकुर त्रिवेदी (25), पुनीत (20), रिंकू मिश्रा (22) और लखीमपुर निवासी अभिषेक कुमार (20) को हिरासत में लेेकर पूछताछ की। पहले तो आरोपी पुलिस को भटकाते रहे लेकिन अलग-अलग हुई पूछताछ में सभी के बयान अलग-अलग निकले।
इसके बाद कड़ाई से पूछताछ में आरोपियों ने बालक को अगवा कर हत्या करने की बात कबूल ली। उनकी निशानदेही पर बालक का शव शारदा नहर से बरामद कर लिया गया है। बालक के दोनों हाथ पीछे से बंधे थे। एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि आरोपी शिव्यांश को लखीमपुर घुमाने की बात कहकर कार में बैठा ले गए। वह आरोपियों को पहचानता था। इसलिए उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। इसके बाद लखीमपुर में बालक की हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया। एसपी ने बताया कि इस पूरी वारदात को पांच लोगों ने अंजाम दिया है। एक आरोपी अभी पकड़ा नहीं जा सका है। उसकी तलाश की जा रही है।
आक्रोशित परिजन बोले- पुलिस ने आरोपियों की सेवा की परिजनों को जब पता चला कि बालक की हत्या कर दी गई है तो वह आक्रोशित हो उठे और थाने पहुंच गए। शिव्यांश के चाचा शुभम मिश्रा ने बताया कि 36 घंटे पहले ही पुलिस को आरोपियों के बारे में जानकारी दे दी गई थी लेकिन फिर भी पुलिस ने लापरवाही बरती। आरोपियों की दामाद जैसी सेवा की।
मामले में दोषी पुलिस कर्मियों व आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर मतुवा मार्ग पर प्रदर्शन किया। करीब 10 घंटे तक हंगामा चला। एसपी के समझाने पर परिजनों ने उन्हें छह सूत्री मांगपत्र सौंपा। इसमें आरोपियों के साथ एसओ को नामजद करने, आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाने, एसओ संग पूरे थाने को निलंबित करने, एसओ के सीयूजी व पर्सनल नंबर की सीडीआर निकलवाने, मानव तस्कर गैंग के पर्दाफाश के लिए क्राइम ब्रांच व एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपने व वर्तमान थानाध्यक्ष की जगह दूसरे एसएचओ की तैनाती की मांग शामिल है। एसपी ने बुलडोजर वाली मांग को हटवाकर पांच बिंदुओं पर जांच का आश्वासन दिया। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ |
पुलिस बोली, आरोपी मांगने वाले थे 15 लाख की फिरौती पुलिस के मुताबिक आरोपी शिव्यांश को अगवा कर उसके परिजनों से 15 लाख रुपये की फिरौती मांगने वाले थे लेकिन कार में उसे बैठाते समय कुछ ग्रामीणों ने देख लिया था। इसी वजह से उन्होंने बिना फिरौती मांगे ही बालक की हत्या कर दी। परिजनों ने बताया कि उन्हें फिरौती के लिए कोई फोन नहीं आया था।
आरोपी रिंकू के पिता के नाम है कार घटना में एक कार का इस्तेमाल किया गया। कार (यूपी 34 बीडब्ल्यू 3690) आरोपी के पिता रमाकांत के नाम पर पंजीकृत है। वाहन को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। घटना के समय रिंकू ही यह कार चला रहा था।
पांच वर्ष पूर्व पिता ने की थी आत्महत्या शिव्यांश के पिता विकास मिश्रा ने पांच वर्ष पूर्व पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या कर ली थी। सूत्रों की मानें तो विकास और शुभम मिश्रा के बीच रिश्तों में तनातनी थी। हालांकि भाई विकास की मौत के बाद शिव्यांश के पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी शुभम ही निभा रहे थे। उन्होंने ही पुलिस को शिव्यांश के गायब होने की लिखित सूचना दी थी। ग्रामीणों की मानें तो आरोपी रिंकू व शिव्यांश के चाचा शुभम के बीच एक महिला से रिश्तों को लेकर अनबन थी। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
हंगामे को देखकर तैनात रही फोर्स एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि मृतक के परिजनों संग उनकी संवेदनाएं हैं। पुलिस सही दिशा में जांच कर रही है। हंगामे की स्थिति को देखते हुए लहरपुर, थानगांव, तंबौर, रेउसा, बिसवां संग दमकल की टीमें तैनात हैं। पुलिस के मुताबिक आक्रोशित परिजनों ने पूर्व में आरोपियों के घर पर हमले की योजना बनाई थी। लेकिन पुलिस की सख्ती को देखकर उन्होंने यह विचार त्याग दिया। हालांकि इसके बाद प्रदर्शन किया।
100 बीघा से अधिक है खेती ग्रामीणों की मानें तो परिवार के पास करीब 100 बीघा खेती है। परिवार के सदस्य राजनीति में नहीं हैं लेकिन क्षेत्रीय व जिला स्तरीय जनप्रतिनिधियों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं।
घटना वाले दिन आरोपी ने चाचा से लिए थे 200 रुपये शिव्यांश अपने भाइयों शिवेंद्र (18), आर्यन (13) व मां रूबी के साथ रहता था। वह गांव के ही सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा-पांच में पढ़ता था। आरोपी रिंकू शिव्यांश के घर में बीते चार साल से ट्रैक्टर चलाता था। जो इन्हीं के घर में खाना खाता था। घटना के दिन भी आरोपी मृतक के घर गया था। उसने चाचा शुभम से 200 रुपये मांगे थे। शुभम ने उसे पैसे भी दिए थे।