मेडिकल व डेंटल कालेजों के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के निर्देश पर नए नियमों को लागू कर दिया गया है। अब छात्र ने बीच में पढ़ाई छोड़ी तो उसे अगले शैक्षिक सत्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों से अब पांच लाख रुपये जुर्माना नहीं लिया जाएगा। एनएमसी ने इस नियम को शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू किया है।
Abhigya Times, लखनऊ। मेडिकल व डेंटल कालेजों में किसी छात्र ने बीच में पढ़ाई छोड़ी तो उसे अगले शैक्षिक सत्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। स्नातक, स्नातकोत्तर व सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए यह नियम लागू कर दिया गया है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के निर्देश पर नए नियमों को लागू कर दिया गया है। वहीं बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों से अब पांच लाख रुपये जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह की ओर से शुक्रवार को प्रदेश भर के सभी मेडिकल व डेंटल कालेजों को यह निर्देश जारी कर दिए गए। ऐसे में अब एमबीबीएस, एमडी, एमएस, एमसीएच, बीडीएस और एमडीएस जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को बीच में पढ़ाई छोड़ने से पहले कई बार सोचना होगा। अभी तक वह पांच लाख का जुर्माना भरकर बीच में पढ़ाई छोड़कर अगले सत्र में दूसरे पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले लेते थे।
अब अगर वह ऐसा करेंगे तो उनको प्रवेश के लिए एक वर्ष इंतजार करना होगा क्योंकि अगले सत्र में प्रवेश के लिए वह डिबार होंगे। एनएमसी ने इस नियम को शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू किया है। इससे पूर्व के शैक्षिक सत्र में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों पर यह नियम लागू नहीं होगा। वह जुर्माना भरकर सीट छोड़ सकेंगे और उन्हें अगले सत्र में प्रवेश के लिए डिबार नहीं माना जाएगा।
सीट आवंटन के बाद प्रवेश न लेने पर 25 छात्र डिबार
एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स में पिछले सत्र में स्ट्रे वैकेंसी राउंड के तीन चरणों में जिन 25 छात्रों को सीटें आवंटित की गईं थीं, उन्होंने प्रवेश नहीं लिया। इनमें 17 एमबीबीएस व आठ बीडीएस कोर्स के छात्र हैं। अब इन्हें इस शैक्षिक सत्र में एमबीबीएस व बीडीएस की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा। उनकी जमानत राशि को भी जब्त कर लिया गया है।