तकनीकी समस्या आने पर लखनऊ के एक उपभोक्ता ने प्रीपेड के स्थान पर पोस्टपेड मीटर लगवाया था। उपभोक्ता को क्या मालूम था कि इसके बाद उसे बिजली उपकेंद्र के चक्कर काटने पड़ेंगे। दरअसल मीटर बदलवाने पर पहले माह ही बिल 43 हजार का आ गया। उपभोक्ता ने अवर अभियंता को पूरी बात बताई तो अभियंता ने प्रार्थना पत्र के साथ बिजली उपकेंद्र आने को कहा।
Abhigya Times, लखनऊ। दो निजी कंपनियों के मीटर उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली विभाग के अभियंताओं को भी परेशान कर रहे हैं। वहीं बिल ज्यादा आने से उपभोक्ता बिजली उपकेंद्र के चक्कर लगाने को विवश हैं। इससे उनका नाम बकाएदारों की सूची में आ रहा है और बिजली भी काट दी जा रही है। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या सैकड़ों में है। वहीं अफसरों का दावा है कि जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
जानकीपुरम बिजली उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ता ने तकनीकी समस्या आने पर प्री पेड के स्थान पर पोस्ट पेड मीटर लगवाया था। पहले माह ही बिल 43 हजार का आ गया। उपभोक्ता ने अवर अभियंता को पूरी बात बताई तो अभियंता ने प्रार्थना पत्र के साथ बिजली उपकेंद्र आने को कहा।
मामला वरिष्ठों के पास पहुंचा…
मामला वरिष्ठों के पास पहुंचा तो बताया गया कि उपभोक्ता का बिल तो 11,600 रुपये है। बाकी जो राशि बिल में जुड़ी है वह इनआपरेटिव है। इससे उपभोक्ता का कोई मतलब नहीं है। यह तकनीकी समस्या कब दूर होगी, उसको लेकर भी खंड स्तर पर बैठे अभियंता मध्यांचल के अफसरों पर निर्भर हैं।
दो निजी कंपनियों के मीटर में समस्या आ रही है। उसे दूर करने का काम किया जा रहा है। उम्मीद है एक सप्ताह में यह समस्या दूर हो जाएगी। – योगेश कुमार, निदेशक (वाणिज्य) मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड