नवाबगंज (उन्नाव)। स्कूटी सवार एमबीबीएस छात्र की मार्ग दुर्घटना में मौत के बाद गुरुवार रात साथी छात्रों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में हंगामा कर दिया। एक दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस से झड़प हुई। शुक्रवार सुबह भी जब मामला गरमाया तो चेयरमैन ने नाम कटाने की चेतावनी देकर छात्रों को शांत किया। चेयरमैन ने 30 लाख मुआवजा और एयर लिफ्ट का खर्च देने का आश्वासन दिया है।
शिव मंदिर बाला जी गली राजा, औरंगाबाद, महाराष्ट्र निवासी मयूर (28) पुत्र दादाराव खारे सोहरामऊ के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र था। उसने साल 2021 में प्रवेश लिया था। यहीं कैंपस में रहता था। गुरुवार शाम वह अपने साथी के साथ नवाबगंज टोल प्लाजा के पास स्थित ढाबे पर खाना खाने गया था। लौटते समय शाम करीब साढ़े सात बजे टोल प्लाजा से कुछ आगे कानपुर-लखनऊ हाईवे पर वाहन ने मयूर की स्कूटी में टक्कर मार दी थी। हादसे में मयूर और साथी दोनों घायल हो गए।
मयूर को पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां हालात गंभीर देख लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया, वहां रात में ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना साथी छात्रों को हुई तो वह आक्रोशित हो गए और कॉलेज प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। परिसर में खड़ीं करीब एक दर्जन गाड़ियों में तोड़फोड़ की। मेडिकल कॉलेज में हंगामे की सूचना पर सोहरामऊ और अजगैन कोतवाली पुलिस पहुंची और चेयरमैन से बात कराने का आश्वासन दिया।
शुक्रवार सुबह एसडीएम हसनगंज रामदेव निषाद, सीओ संतोष सिंह और चेयरमैन वीरेंद्र सिंह हुड्डा कॉलेज पहुंचे। साथी छात्रों ने मृत छात्र के परिजनों को एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग की। मामला फिर गरमाता देख चेयरमैन ने हंगामा कर रहे छात्रों के अभिभावकों से फोन पर बात की और उनका नाम कटाने की चेतावनी दी। इसके बाद एसडीएम और सीओ ने चेयरमैन से बात की तो वह मृतक के परिजनों को 30 लाख रुपये की मदद देने पर सहमत हुए। साथ ही शव को महाराष्ट्र तक एयर लिफ्ट का खर्च उठाने का भी आश्वासन दिया। छात्रों में आक्रोश को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में पुलिस तैनात है।
प्राचार्य बोले- गड्ढे में गिरने से छात्र की हुई मौत
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि घटना रात 7:30 बजे की है। उसके साथी छात्र घायल को व्हीलचेयर पर लेकर आए थे। बताया था कि छात्र किसी काम से नवाबगंज गया था। वह अपना पर्स भूल गया तो उसे लेने आते समय सड़क किनारे गड्ढे में गिरकर घायल हुआ था। इलाज में लापरवाही के आरोप पर कहा कि कोई लापरवाही नहीं हुई। सर्जन डॉ. रजनीश ने इलाज किया था। समय पर एंबुलेंस न मिलने के आरोप पर बोले कि मेडिकल कॉलेज में दो एंबुलेंस हैं। कॉलेज के एक कर्मचारी के पैर में फ्रैक्चर हो गया था, एक एंबुलेंस उसे लेकर गई थी। दूसरी मरीज को शिफ्ट कर रही थी। तत्काल एनएचएआई की एंबुलेंस को बुलाकर लखनऊ के मेदांता अस्पताल भेजा गया था।