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Union Budget 2024: केंद्रीय करों में बढ़ी यूपी की ह‍िस्‍सेदारी, मिलेंगे 2.24 लाख करोड़ रुपए

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केंद्रीय करों में उप्र की हिस्सेदारी 218816.84 करोड़ रुपये थी जो कि इस बजट में बढ़कर 223737.23 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा ब्याज मुक्त ऋण के रूप में भी यूपी को 20500 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। यूपी के वित्त मंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत सातवें बजट को लघु व दीर्घ अवधि के दृष्टिकोण से फायदे वाला बजट बताया।

Abhigya Times, लखनऊ। कृषि से लेकर आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने वाले केंद्रीय बजट (Union Budget 2024) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विकास को भी गति देने का प्रयास किया गया है। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी से उत्तर प्रदेश को 4,921 करोड़ रुपए और मिलेंगे। केंद्रीय करों में उप्र की हिस्सेदारी 2,18,816.84 करोड़ रुपए थी, जो कि इस बजट में बढ़कर 2,23,737.23 करोड़ रुपयए पहुंचने का अनुमान है।

इसके अलावा ब्याज मुक्त ऋण के रूप में भी यूपी को 20,500 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। सोलर पैनल, सोलर सेल, कैंसर की दवाएं, एक्सरे मशीन, मोबाइल फोन, चार्जर, इलेक्ट्रिक वाहन, चमड़े के जूते-चप्पल जैसी चीजें सस्ती होंगी, जिसका सीधा फायदा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के उपभोक्ताओं को होगा।

प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को मिलता रहेगा मुफ्त राशन योजना का लाभ

कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए देश भर में जिन 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वे होगा, उनमें उत्तर प्रदेश के सभी जिले शामिल हैं। मुफ्त राशन योजना का लाभ भी प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अगले पांच वर्षों तक मिलता रहेगा।

सुरेश खन्ना ने बताया फायदे वाला बजट   

प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत सातवें बजट को लघु व दीर्घ अवधि के दृष्टिकोण से फायदे वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि बजट में युवा, महिला, किसान, गरीब, वंचित सभी का ध्यान रखा गया है। व्यक्तिगत आयकर में मानक कटौती की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दी गई है। इससे करदाताओं को राहत मिलेगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाना राज्य हित में है। दलहन-तिलहन की उत्पादकता और भंडारण क्षमता बढ़ाए जाने के साथ ही तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि क्षेत्र और सहायक गतिविधियों के लिए 1.52 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। रोजगार एवं कौशल विकास के क्षेत्र में राज्यों के साथ मिलकर केंद्र प्रायोजित योजना के माध्यम से युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा।

उच्च शिक्षा के लिए घरेलू शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के लिए 10 लाख का कर्ज उपलब्ध कराया जाना बड़ा कदम है। प्रतिवर्ष एक लाख विद्यार्थियों को ऋण पर तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ई-वाउचर उपलब्ध कराए जाएंगे।

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