डॉ. सानिया रऊफ इस समय किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के टेलीमेडिसिन विभाग में मेडिकल ऑफिसर की पोस्ट पर हैं। कोविड काल में सानिया ने अपने मरीज़ों का इलाज करते हुए एक रिकॉर्ड बना दिया है। सानिया पिछले एक साल से टेलीमेडिसिन के तहत ई – संजीवनी एप्प पर लोगों का इलाज कर रही हैं।
सानिया रउफ केजीएमयू में 5 डॉक्टर्स की टीम के साथ इस मिशन को अंजाम दे रही हैं। पिछले एक साल में ये टीम 2 लाख ज़्यादा मरीज़ों को ऑनलाइन परामर्श देने में कामयाब रही है। अकेले सानिया ने 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों का इलाज किया जो देश भर में किसी चिकित्सक द्वारा देखे गए मरीज़ों की सबसे बड़ी संख्या है। देश भर में ऑनलाइन सबसे ज़्यादा मरीज़ देखे जाने पर C-DAC मोहाली ने डॉक्टर सानिया रउफ को ई – संजीवनी फ्लैग बियरर अवार्ड से सम्मानित किया है।
सानिया के बचपन की बात करें तो फादर की ट्रांसफर वाली जॉब ने उन्हें यूपी के कई शहरों में रहने का अवसर दिया। इसके चलते प्रदेश के कई मिशनरी स्कूलों में उन्हें जाने का मौक़ा मिला। सानिया ने अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई माउन्ट कार्मेल लखनऊ और इंटर मीडिएट इज़ाबेला थॉबरन इंटरमीडिएट कॉलेज लखनऊ से करने के बाद मेडिकल हिन्द इंस्टिट्यूटऑफ़ मेडिकल साइंसेस बाराबंकी से किया। हाउस जॉब पूरी होने के बाद सेंट जोज़ेफ़ हॉस्पिटल गोमतीनगर में सानिया ने जूनियर रेज़िडेंट के तौर पर अपनी ड्यूटी निभाई। साल 2020 में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के टेलीमेडिसिन डिपार्टमेंट में मेडिकल ऑफिसर की जॉइनिंग लेने वाली सानिया ने इस एपिडेमिक में बड़ी ख़ूबी के साथ अपनी ज़िम्मेदारी को अंजाम दिया है।
अपने फुर्सत के लम्हों को सानिया हॉर्स राइडिंग, स्विमिंग, पेंटिंग और रीडिंग जैसे शौक़ पूरे करते हुए बिताना पसंद करती हैं। इसके साथ ही सानिया अपने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की तैयारियों में भी जुटी है। आगे की इस पढ़ाई के लिए सानिया का इरादा भारत के अलावा लंदन जाने का भी है।
टेलीमेडिसिन के ज़रिये रिकॉर्ड केस देखने वाली सानिया का अपने मरीज़ों से निवेदन है कि वह गूगल की मदद से अपनी बीमारी को जांचने और खुद उसके ट्रीटमेंट का ख़तरा मोल न लें। ये आदत उन्हें किसी बड़ी परेशानी में डाल सकती है। सानिया अकसर ऐसे मामलों का सामना करती हैं जब गूगल से ली गई जानकारी से मरीज़ ज़्यादातर अपना नुकसान कर बैठते हैं।
ई – संजीवनी एप्प C-DAC मोहाली द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के सहयोग से बनाया गया है। इस एप्प के माध्यम से मरीज़ घर बैठे डाक्टर से परामर्श करते हैं। इसके लिए मोबाइल फ़ोन, कंप्यूटर या टैब पर जाकर प्ले स्टोर से ई – संजीवनी एप्प को डाउनलोड करना होता है और मरीज़ का ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है। कोविड काल के दौरान ऑनलाइन ट्रीटमेंट की ये सुविधा पूरे देश में चल रही है।