रायबरेली। रायबरेली शहर में प्रयागराज हाईवे पर सड़क किनारे वाहनों का अतिक्रमण महाकुंभ के श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बनेगा। इसे लेकर जिला प्रशासन और एनएचएआई के अफसर गंभीर नहीं हैं। शहर में जाम की समस्या बनी रहती है। इससे श्रद्धालुओं को दिक्कत होगी। जनवरी 2025 में महाकुंभ का स्नान है, लेकिन रायबरेली से प्रयागराज तक पहुंचने की डगर कठिन है। लखनऊ से मामा चौराहे तक सड़क फर्राटेदार बनी हैं, लेकिन शहर के त्रिपुला, रतापुर, सिविल लाइंस, मामा चौराहा, मुंशीगंज में आए दिन जाम लग जाता है। सिविल लाइंस चौराहे से रतापुर तक जगह-जगह ट्रक, डंपर खड़े रहते हैं। इसे लेकर जिम्मेदार अफसर गंभीर नहीं हैं। सबसे ज्यादा जाम सिविल लाइंस चौराहे पर लगता है। वहीं, शहर में त्रिपुला चौराहे से मुंशीगंज तक हर दिन जाम लगता है।
रेलिंग तोड़कर बनाए अवैध कट
रायबरेली-लखनऊ हाईवे पर कई जगह अवैध कट बने हैं। इन कटों से चालक अपने वाहन निकालते हैं। इसको लेकर भी जाम की समस्या रहती है। एनएचएआई की ओर से लखनऊ से लेकर मामा चौराहे तक 56 अवैध कट बंद कराए थे, लेकिन फिर से रेलिंग तोड़कर कट बना दिए गए हैं।
रायबरेली से प्रयागराज तक आसान नहीं सफर
शहर के मामा चौराहे से प्रयागराज का सफर बहुत कठिन है। मामा चौराहे से चंद कदम की दूरी पर सई नदी पर निर्माणाधीन पुल से अब तक आवागमन शुरू नहीं हो सका है। पुराने संकरे पुल से वाहन निकल रहे हैं। मुंशीगंज कस्बे में बाईपास का निर्माण भी धीमी गति से चल रहा है। उसके आगे हाईवे के चौड़ीकरण का काम चल रहा है, जिसे दिसंबर में पूरा हो जाना था, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में श्रद्धालुओं को परेशान होना तय है।
अधर में रिंगरोड, जाम से कैसे मिलेगी राहत
शहर में जाम की समस्या को देखते हुए शहर के बाहर-बाहर शारदा सहायक नहर की पटरी पर डिडौली से कुचरिया गांव के आगे तक 17 किमी. रिंगरोड निर्माणाधीन है। ऐसे में छोटे और भारी वाहन शहर के अंदर से होकर निकलते हैं। 12 साल से निर्माणाधीन रिंगरोड से अब तक आवागमन शुरू नहीं हो पाया है। यदि इससे आवागमन शुरू हो जाए तो, जाम की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है।