सीतापुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत रविवार को महमूदाबाद में सामूहिक विवाह हुआ। इसमें 136 जोड़ों ने एक साथ अग्नि के सात फेरे लेकर जीवनभर साथ निभाने का वादा किया। विवाद के बाद गाजे-बाजे के साथ विदाई हुई।
महमूदाबाद ब्लॉक के 46, पहला के 47, रामपुर मथुरा के 14, रेउसा के 5, बेहटा के पांच, बिसवां के16, सकरन के 23 कुल 156 ने विवाह कराने के लिए पंजीकरण करवाया था। कार्यक्रम में महमूदाबाद के 33, पहला 42, सकरन 22, रेउसा पांच, रामपुर मथुरा 13, बिसवां 16, बेहटा के पांच जोड़े सामूहिक विवाह के लिए पहुंचे। गायत्री परिवार के आचार्य ने पूरी विधि विधान से हिंदू जोड़ों का विवाह कराया।
लोग हुए परेशान
ठंड के बीच सात ब्लॉकों से जुड़े लोगों का सामूहिक विवाह महमूदाबाद ब्लाॅक में ही संपन्न करा दिया गया, जिससे वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने वालों को काफी दूरी तय करनी पड़ी। सुबह से ही लोग इकट्ठा हो गए थे, लेकिन कार्यक्रम देर से शुरू हुआ।
लंच पैकेट की हुई चर्चा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में जोड़ों के परिजनों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। जिसमे चार पूड़ी, चावल, आलू-मटर की सब्जी, अचार व एक रसगुल्ला था। जिसकी लोग चर्चा कर रहे थे कि हर बार पनीर की सब्जी होती थी। छह पूड़ी होती थी। चावल भी महीन होता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था और पानी की बोतल भी नहीं दी गई। लोगों को नगर पालिका परिसर महमूदाबाद के टैंकर का ठंडा पानी पीकर अपनी प्यास बुझानी पड़ी। बरात में शामिल हुए लोगों ने बताया कि इस बार लंच पैकेट में खाने की क्वालिटी भी अच्छी नहीं थी। पनीर की सब्जी व पूड़ी की संख्या घटा दी।
नदारद रहे बीडीओ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में महमूदाबाद में सात ब्लॉकों के विवाह होने थे। जिसमें केवल महमूदाबाद व पहला के बीडीओ मौजूद रहें। बिसवां, सकरन, रामपुर मथुरा, रेउसा व बेहटा के बीडीओ अनुपस्थित रहे।