रामकोट (सीतापुर)। ठंड रफ्तार पकड़ने लगी है। कोहरा भी पड़ने लगा है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों पर सफेद पट्टियां गायब हैं। इससे हादसे हो रहे हैं।
बतादें कि सड़कों पर सुरक्षा की दृष्टि से सफेद पट्टियां होना बहुत जरूरी है, जिससे राहगीरों को कोहरे में वाहन चलाने में सहायता मिलती है। ये पट्टियां भीषण कोहरे में वाहन चालकों को रास्ता दिखाने में सहायक होती हैं, लेकिन इलाके की कई सड़कों से सफेद पट्टियों के साथ-साथ सड़क के किनारे लगे संकेतक भी गायब हैं। इससे आएदिन बाइक सवार या अन्य वाहन चालक हादसे का शिकार हो जाते हैं।
चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू हो जाने से रामकोट से जवाहरपुर-कुतुबनगर मार्ग पर इन दिनों बहुतायत संख्या में ट्रैक्टर ट्राॅली एवं ट्रकों के साथ-साथ अन्य वाहनों का आवागमन होता है। ऐसे में सड़क के किनारे सुरक्षा की दृष्टि से लगे संकेतक गायब होने और सफेद पट्टी न होने से हादसे की आशंका है।
बीती 26 नवंबर को रामकोट जवाहरपुर मार्ग पर ट्रैक्टर की चपेट में आने से एक छात्र गंभीर घायल हो गया था। उसका इलाज लखनऊ के ट्राॅमा सेंटर में चल रहा है।वहीं बीती 15 नवंबर को कोहरे के चलते जवाहरपुर चीनी मिल मार्ग पर एक युवक की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी। रामकोट इलाके के अर्थाना गांव निवासी रोहित शुक्ला ने बताया कि बीती 26 नवंबर को एक छात्र तेज रफ्तार ट्रैक्टर की चपेट में आने से गंभीर घायल हो गया था। उस हादसे से सहमे ग्रामीणों ने 27 नवंबर को गति अवरोधक बनवाने के लिए प्रार्थनापत्र भी दिया था। वहीं, विश्वनाथ मिश्रा का कहना है कि अर्थाना मेें यदि गति अवरोधक बन जाए तो हादसों पर नियंत्रण हो सकता है। इस मार्ग पर सफेद पट्टियां बनना भी जरूरी है।
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सिद्धांत सेंगर ने बताया कि जिले की 85 सड़कों का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। उम्मीद है दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू करा दिया जाएगा।