उन्नाव। जिला अस्पताल में ई-हास्पिटल योजना फाइलों में कैद होकर रह गई है। तीन साल पहले शासन ने जिला अस्पताल को ई हास्पिटल में परिवर्तित करने के निर्देश दिए थे। सेवा के लिए कंप्यूटर तो खरीदे गए , लेकिन ऑपरटर नियुक्त नहीं हो सके। लिहाजा मरीजों को ओपीडी से लेकर पर्चा काउंटर तक की दौड़ लगानी पड़ रही है।
निजी अस्पतालों की तर्ज पर जिला अस्पताल की भी व्यवस्थाओं को ऑनलाइन करने का प्रयास शुरू हुआ था। जिला अस्पताल को ई-हास्पिटल में परिवर्तित होने के बाद मरीजों को पर्चा काउंटर पर लंबी लाइन लगाने से राहत मिल जाती। इसी तरह मरीजों को डाॅक्टर को दिखाने के लिए घंटों इंतजार भी न करना पड़ता।
इसके तहत चार लाख की लागत से छह कंप्यूटर भी खरीदे गए पर ऑपरेटर की तैनाती नहीं हो सकी। सीएमएस डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि ऑपरेटर न होने से व्यवस्था लागू नहीं हो सकी। हालांकि टेली मेडिसिन की सुविधा शुरू कर दी गई है।
घर बैठे इलाज की सुविधा शुरू
ई-हास्पिटल सेवा में मरीजों को घर बैठे ही डाक्टर से समय लेने की सुविधा शुरू हो गई है। इसके लिए दो स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की गई है। मोबाइल से वीडियो कॉल के जरिए मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है। रोजाना औसतन 80 मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है।
– मरीजों को मिल रही ऑनलाइन रिपोर्ट
ई-हास्पिटल सेवा में ब्लड बैंक, पैथोलॉजी को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। पैथोलॉजी में सैंपल देने के बाद मरीज को अब दोबारा रिपोर्ट लेने जाने की जरूरत नहीं है। उन्हें उनके मोबाइल नंबर पर रिपोर्ट भेजने की योजना शुरू कर दी गई है।