हरदोई। सनातन धर्म के विरोध और धर्मांतरण के लिए मिशनरी के लोग पहले बीमार लोगों का उपचार कराकर उन्हें स्वस्थ करते हैं। इसके बाद गांव में ग्रामीणों को उपचार सहित अन्य प्रलोभन देकर इसाई धर्म अपनाने का प्रलोभन देते थे।
सांडी थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांडी देहात के मजरा ताले पुरवा गांव में इसाई मिशनरी के नारेंद्र ने गांव निवासी धर्मेंद्र कुशवाहा से दोस्ती की। इस दौरान धर्मेंद्र ने अपने परिवार में सदस्यों के बीमार होने की जानकारी दी, बस यहीं से नारेंद्र के लिए गांव आने-जाने का रास्ता और एक ठिकाना आसानी से मिल गया। पुलिस पूछताछ में नारेंद्र ने बताया कि उसने धर्मेंद्र कुशवाहा के घर के सदस्योें का एक-एक कर उपचार कराया। इलाज पर आने वाले खर्च को भी उसने खुद की वहन किया। परिवार के सदस्यों का निशुल्क उपचार हो जाने से धर्मेंद्र उनके एहसान तले दब गया। इसके बाद वह परिवार के सदस्यों की देखभाल और हालचाल लेने के बहाने हफ्ता-दस दिन के अंतराल पर धर्मेंद्र के घर आने-जाने लगा। इसी बीच उसने धर्मेंद्र के जरिए गांव में निशुल्क उपचार की बात को फैला दिया। नारेंद्र के गांव आने पर धीरे-धीरेे ग्रामीणों का धर्मेंद्र के घर पर आने का क्रम बढ़ता गया। कभी दस-पंद्रह और कभी-कभार 25-30 महिलाएं इलाज के लिए आने लगीं। वह सभी को इसाई धर्म अपनाने पर निशुल्क उपचार के साथ ही अन्य कई तरह के लालच देने लगा। सनातन धर्म के विरोध और इसाई धर्म अपनाने पर निशुल्क उपचार सहित अन्य लालच को देकर धर्मांतरण का प्रयास करने लगा। थानाध्यक्ष छोटेलाल ने बताया कि दोनों के विरुद्ध उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।