हरदोई। डिप्थीरिया के जिले में 16 संक्रमित मिले हैं। 79 केस संदिग्ध पाए गए थे, इसमें 16 में डिप्थीरिया संक्रमण की पुष्टि हुई है और चार की मौत भी हो चुकी है। बच्चों की मौत और डिप्थीरिया के संक्रमित केस मिलने से पांच साल में हुए टीकाकरण पर भी सवालियां निशान उठने लगे हैं।
विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन इन अभियानों की सफलता पर मिलने वाले संक्रमित केस सवालिया निशान लगा देते हैं। डिप्थीरिया ने जिले में तेजी से पांव पसारे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 79 केस संदिग्ध पाए गए हैं। इसमें 16 बच्चों में डिप्थीरिया की पुष्टि भी हुई है और इनमें से चार की मौत भी हो चुकी है।
विकास खंड सुरसा के सहोरिया बुजुर्ग निवासी राजेश की कक्षा चार में पढ़ने वाली 11 वर्षीय पुत्री दीपांशी, मल्लावां के भवानीपुर निवासी राजेश के कक्षा दो में पढ़ने वाले 11 वर्षीय पुत्र आशु और संडीला के बीबीपुर गोगांवा उमराव निवासी वीरपाल का परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाला छह वर्षीय पुत्र शिवा और टोडरपुर के भदेउनी में एक बच्चे की मौत डिप्थीरिया से होने की पुष्टि हुई है। डिप्थीरिया के संक्रमित केस और मृत्यु दर 20 प्रतिशत पहुंच गई है।
जिले में डिप्थीरिया से हुई चार बच्चों की मौत और संदिग्ध रोगियों को लेकर सीडीओ सौम्या गुरूरानी ने चिंता जाहिर की है। बताया कि डिप्थीरिया की रोकथाम के लिए सभी प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में बच्चों के टीकाकरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना बनाई गई है। टीकाकरण की जिम्मेदारी भी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को सौंपी गई है।
बुधवार को सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों की गूगल मीट से बैठक ली गई है। कहा गया कि टीकाकरण से वंचित छात्रों के साथ ही विद्यालय के सभी बच्चों को टीकाकरण के लिए 26, 27 और 30 सितंबर और एक, चार और सात अक्तूबर को रोस्टर के अनुसार शिविर लगाए जाएंगे। विशेष अभियान में शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाना है। बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से डीपीटी के बूस्टर का लक्ष्य 31,224 और टीडी बूस्टर का लक्ष्य 47,367 रखा गया है। डिप्थीरिया से बचाव के लिए बच्चों के साथ ही गर्भवती और व्यस्क व्यक्ति को भी लगाया जाता है। टीकाकरण की प्रतिदिन रिपोर्ट ली जाएगी और लापरवाही पर जवाबदेही भी तय की जाएगी।