हरगांव (सीतापुर)। थाना क्षेत्र में रविवार की देर शाम जंगली जानवर ने अलग-अलग जगहों पर तीन महिलाओं समेत चार लोगों पर हमला किया। हमले में सभी लोग जख्मी हो गए। दो बकरियों को भी घायल कर दिया। हालांकि, शोर सुनकर परिवार व पड़ोस के लोगों ने उसको खदेड़ दिया। इससे बड़ी घटना टल गई।
हमले में घायल एक महिला व उनके पति का दावा है कि हमलावर जानवर भेड़िया ही था। जबकि वन विभाग ने भेड़िया के होने की बात से इन्कार किया है। वे जानवर की पहचान नहीं बता पा रहे हैं। उधर, हमलों की घटनाओं से ग्रामीण दहशत में हैं। खेत जाने व रोजमर्रा के कामकाज को लेकर अकेले बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
परसेहरा शरीफपुर में रविवार की शाम करीब आठ बजे जाबिर की पत्नी रोजिदा (30) अपने तीन बच्चों के साथ घर के सामने बैठी थी। रोजिदा के अनुसार पश्चिम दिशा से एक जंगली जानवर आया और उनके बेटे की चारपाई की तरफ बढ़ा। यह देख रोजिदा अपने बेटे को बचाने के लिए शोर मचाते हुए उसको भगाने लगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान जानवर ने उनपर हमला कर दिया। गर्दन दबोचने का प्रयास किया। लेकिन तब तक शोर सुनकर पति व अन्य लोग आ गए। करीब 15 मिनट तक जानवर से खुद को और बेटे को बचाने की जद्दोजहद करती रहीं। सबने मिलकर उसको खदेड़ दिया।
रोजिदा की गर्दन व हाथ पर हमले के निशान पाए गए हैं। रोजिदा के पति जाबिर भी घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं। उन्होंने भी हमलावर जानवर के भेड़िया होने का दावा किया है। तर्क दिया कि कुत्ता अथवा सियार होता तो भगाने के लिए इतनी जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती। इनकी दो बकरियां भी हमले से घायल हुई हैं।
इसके बाद गांव के हर्षित दीक्षित पर भी जानवर ने हमला किया, जिससे वह घायल हो गए। शोर मचाने पर वह भाग खड़ा हुआ। यहां से 500 मीटर दूर इसी गांव के मजरा कसिमापुर में रात नौ बजे जंगली जानवर ने घर के बाहर बैठी रामश्री (60) पत्नी अमरीका प्रसाद व कैलाशा (65) पत्नी दीनदयाल पर भी हमला किया।
सोमवार को वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कांबिंग की। पगचिह्न भी तलाशे गए। हरगांव वन क्षेत्राधिकारी वीनू पाल का कहना है कि पगचिह्न स्पष्ट नहीं मिले हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
बच्चे नहीं गए स्कूल, लोग खेत जाने से घबरा रहे
परसेहरा शरीफपुर और कसिमापुर में ताबड़तोड़ हमलों से दहशत का माहौल है। भयभीत लोग सोमवार को खेतों में काम करने नहीं गए। बच्चों को स्कूल भी नहीं भेजा। हालात यह हैं कि ग्रामीण अकेले अपने घरों के बाहर बैठने में भी घबरा रहे हैं।
वन विभाग का दावा, हमला करने वाला जानवर भेड़िया नहीं
वन विभाग जानवर की तलाश करने के बजाय भेड़िया न होने की बात को साबित करने में लगा है। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन प्रभाग नवीन खंडेलवाल ने दावा किया कि हमला करने वाला जानवर भेड़िया नहीं है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय वन अधिकारी लहरपुर व हरगांव की टीम गठित कर जांच के लिए भेजी गई थी। घटना स्थल पर गहन निरीक्षण किया गया लेकिन भेड़िया व अन्य बड़े हिंसक वन्यजीव जैसे बाघ, तेंदुआ इत्यादि के पगचिह्न नहीं पाए गए। महिला के चोट, खरोंच के निशान के परीक्षण के उपरांत स्पष्ट हुआ कि किसी बड़े हिंसक जानवर द्वारा हमला नहीं किया गया है। वन विभाग भेड़िये के हमले की सूचना का खंडन करता है।
जानवर की पहचान नहीं बता पा रहा विभाग
वन विभाग के अफसर यह दावा कर रहे हैं कि क्षेत्र में सियार के पगचिह्न मिले हैं। फिर भी हमला सियार ने किया, यह भी स्पष्ट नहीं बता रहे। ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। सुरक्षा के दृष्टिगत गठित टीम को गश्त व कांबिंग करने के लिए निर्देशित भी किया गया है। वन विभाग ने हिंसक वन्यजीव से संबंधित कोई भी सूचना क्षेत्रीय वन अधिकारी, हरगांव के मोबाइल नंबर- 7839434722 पर देने की अपील भी की है।
बीते सप्ताह सदरपुर में हुआ था हमला
पिछले सप्ताह सदरपुर थानाक्षेत्र भरथरी व धरमपुर में भेड़िये ने बच्चों समेत कई लोगों पर हमला किया था। हमले में एक वृद्धा व बकरी की मौत भी हो गई थी। हांलाकि, वन विभाग भेड़िये के हमले की बात को नकारता रहा। अब हरगांव थानाक्षेत्र के परसेहरा शरीफपुर व कसिमापुर में ग्रामीण भेड़िये के हमलों का दावा कर रहे हैं।