पुस्तक समीक्षा
पुस्तक – वूमेन, पावर एंड प्रॉपर्टी
द पैराडॉक्स ऑफ़ जेंडर इक्वलिटी लॉज़ इन इंडिया
लिंग और राजनीति में कैम्ब्रिज अध्ययनलेखक – रचेल इ ब्रूल (बॉस्टन यूनिवर्सिटी)
प्रकाशक – कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस
भाषा – अंग्रेज़ी
हार्ड कवर – 8565/-
किंडल एडिशन – 2282/- (EMI सुविधा पर भी उपलब्ध)
ISBN-10 : 1108835821
ISBN-13 : 978-1108835824
रचेल ब्रूल की किताब – मेन, पावर एंड प्रॉपर्टी – द पैराडॉक्स ऑफ़ जेंडर इक्वलिटी लॉज़ इन इंडिया का सबसे ज़्यादा हैरान करने वाला निष्कर्ष ये है कि भारत में लिंग-समान विरासत कानून लागू किये जाने की दशा में स्त्री हत्या बढ़ जाती है। अपनी इस किताब पर रचेल ब्रूल को अमेरिकन पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन द्वारा 2021 के ग्रेगरी लुएबर्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
येल यूनिवर्सिटी की अमेरिकन पोलिटिकल साइंटिस्ट फ्रांसिस मैक्कल रोसेनब्लथ अपनी समीक्षा में रचेल ब्रूल की इस किताब को सामाजिक विज्ञान की एक जीत बताती हैं। फ्रांसिस का कहना है कि भारत में लैंगिक असमानता के कारणों और बाधाओं की जानकारी जिन सूक्ष्म-स्तरीय डेटा की एक सीरीज़ के माध्यम से प्रस्तुत की गई है वो इस शोध को बेहद शक्तिशाली बनाती है।
सरकार द्वारा जब महिलाओं को आरक्षण दिये जाने की बात कही जाती है तो ये मुद्दा भारत में बहस और चर्चा के ज़रिए खूब उछाला जाता है। बावजूद इसके लोग सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक दर्जे को बनाए रखने की उनकी सलाहियत के बारे में बहुत कम जानते हैं। ब्रूल की किताब – मेन, पावर एंड प्रॉपर्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के संदर्भ में इस प्रश्न की पड़ताल करती है।
अपने इस अभूतपूर्व अध्ययन के माध्यम से ब्रुले साबित करती हैं कि किस तरह से अच्छे तरीके से डिज़ाइन किया गया कोटा समानता को बढ़ावा देता है। साथ ही ये उन महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए एक विशेष टूल के रूप में काम करता है, जो उन्हें सशक्त बनाने में मददगार होते हैं। उनके निष्कर्ष बताते हैं कि कोटे के तहत सरकार में महिलाएं – दरबान – प्रॉपर्टी के मौलिक आर्थिक अधिकारों तक पहुंच के लिए एक उत्प्रेरक के तौर पर काम करती हैं। सरकार में महिलाओं के पास ख़ास अवसर पर अपने अधिकारों का समर्थन करने की हिम्मत होती है, मसलन शादी जैसे की बातचीत के वक़्त होने वाली सौदेबाज़ी पर स्टैंड ले सकती हैं।
वूमेन, पावर एंड प्रॉपर्टी के लेखिका रचेल इ ब्रूल – कम्पैरिटिव पॉलिटिक्स, इंटेरनेशनल डेवेलपमेंट, पॉलिटिकल इकॉनमी, जेंडर, रिप्रजेंटेशन, इनइक्वलिटी, साउथ एशिया की विशेषज्ञ हैं।