गंजमुरादाबाद (उन्नाव)। विकास खंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसान खेतों में आलू के साथ सौंफ की खेती करके चार गुना तक मुनाफा कमा रहे हैं। आलू के साथ यह फसल करने में मात्र चार हजार रुपये की अतिरिक्त लागत आती है। लेकिन, अगर मुनाफे की बात करें तो किसानों को करीब 80 हजार रुपये प्रति बीघा मिलते हैं।
विकास खंड क्षेत्र के ग्राम चकहनुमान, चहोलिया, महोलिया, हरईपुर, रोशनाबाद, ब्योलीइस्लामाबाद, भिक्खनपुर गोपालपुर, जटपुर बेल्थरा, गोवापट्टी सहित दर्जनों गांवों में आलू और सौंफ की सहफसली खेती की जा रही है। अक्टूबर में आलू की बोआई करने के बाद किसान उनके बरहों में सौंफ की पौध रोप देते हैं। आलू की फसल तैयार करने में किसानों को प्रति बीघा करीब 25 हजार रुपये की लागत आती है। आलू के साथ-साथ सौंफ की फसल को भी खाद, पानी और कीटनाशक अलग से नहीं देना पड़ता। प्रति बीघा करीब चार हजार रुपये की लागत आती है।
एक बीघा में करीब तीन क्विंटल तक सौंफ की पैदावार होती है। बाजार भाव सामान्य तौर पर करीब 80 हजार रुपये होता है। किसानों में हरईपुर के रामखेलावन, दिनेश कुमार, रामनाथ, राजेंद्र साधू, पच्चू और रामलखन आदि किसानों ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से सहफसली खेती करते आ रहे हैं। एक ही बार में दो फसलें आसानी से तैयार हो जाती हैं जोकि उनके लिए वरदान साबित हो रही है। नगर के राजकीय कृषि बीज भंडार कार्यालय प्रभारी देवी सिंह ने बताया कि सहफसली खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। किसान को सहफसली खेती पर जोर देना चाहिए।