मैलानी (खीरी)। 80 और 90 के दशक में 33 साल पहले खालिस्ततानी आतंकवाद के दौर में आतंकियों ने मैलानी में दस लोगों को गोली मारकर तराई में सबसे बड़ी वारदात को अंजाम देकर शासन-प्रशासन को खुली चुनौती दे डाली थी। इसमें भीरा के पिता-पुत्र भी आतंकियों के शिकार हुए थे। उनके परिजन उस मनहूस दिन को याद कर आज भी सिहर उठते हैं। उस दौरान संगीनों के साए और दहशत में लोगों के दिन-रात गुजरते थे।
खीरी जिले के मैलानी थाना क्षेत्र में भीरा मार्ग पर मैलानी से करीब नौ किमी दूर मैलानी रेंज के जंगल में तत्कालीन राजनारायनपुर स्टेशन के अवशेष और बरगद चौकी के पास मंदिर स्थित है। मंदिर के पास ही वन विभाग का बैरियर हुआ करता था। आज से 33 साल पहले पांच दिसंबर 1991 की सर्द रात में करीब पौने नौ बजे आतंकवादियों ने लखनऊ से पलिया जा रहे ब्रेड वाहन, एक ट्रक, मारुति वैन और एक कार को रोककर उनमें सवार दस लोगों को मंदिर की दीवार से सटाकर खड़ा करके गोली मार दी थी।
इस घटना से क्षेत्र ही नहीं पूरा जिला और प्रदेश तक दहल उठा था। लोगों का मानना है कि तराई में आतंकवाद दोबारा न फैले, इसके लिए सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए।