ऊंचाहार (रायबरेली)। बकुलाही झील के अभिशाप से रोहनिया ग्राम पंचायत भी अछूती नहीं है। यहां किसान खेती कर उन्नति कर रहे थे। लेकिन बकुलाही किसानों के विकास की राह में रोड़ा बन गई है, जो आज तक बनी हुई है। किसान खेती छोड़कर दूसरा काम करने को विवश हैं। सबसे अधिक दिक्कत उन किसानों के सामने है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
रोहनिया गांव के किसानों के साथ इस समस्या से परेशान होकर आसपास के गांवों के किसानों ने भी बकुलाही की सफाई के लिए अधिकारियों के कई चक्कर लगाए। हर बार बस कुछ दिनों में सफाई शुरू होने का आश्वासन मिला। कभी फाइल सरकार के पास भेजने की बात कही गई, तो कभी जल्द सफाई होने का दावा किया गया।