Nawab Singh Yadav नवाब सिंह और नीलू कन्नौज की राजनीति के दो भाई एक-दूसरे के लिए खड़े हुए और अपने राजनीतिक भविष्य को चौपट कर दिया। नवाब सिंह पर दुष्कर्म का आरोप लगने पर नीलू ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे और खुद भी आरोपित हो गए। इस घटना ने दोनों भाइयों के राजनीतिक करियर को खत्म कर दिया।
Abhigya Times, कन्नौज। एक दूसरे का हाथ थाम कर पूर्व ब्लॉक भाइयों ने सियासत का लंबा फासला तय किया। इससे पहले की दोनों भाइयों की सियासत ऊंचाई तक पहुंचती कि एक-दूसरे के बचाव में दोनों भाइयों का राजनीतिक भविष्य चौपट हो गया।
किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित नवाब सिंह ने छात्र संघ की राजनीति से ब्लॉक प्रमुख से लेकर मिनी मुख्यमंत्री के नाम से पहचान कायम की। बड़े भाई नवाब सिंह के नक्शे कदम पर चलकर नीलू ने भी छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर सदर ब्लॉक प्रमुख तक का राजनीतिक सफर तय किया।
वर्ष 2012 में बढ़ते वर्चस्व को देखकर नवाब सिंह यादव ने सपा के टिकट से तिर्वा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव के लिए दावेदारी की थी, लेकिन जातीय आंकड़ों और पार्टी में वरिष्ठ नेता विजय बहादुर पाल को टिकट मिल गया था। इससे नवाब सिंह खेमे ने नाराजगी व्यक्त की थी।
इस दौरान पार्टी के एक बड़े नेता ने लखनऊ से नीलू को फोन कर जिले में संगठन को मजबूत करने की बात कहते हुए नवाब सिंह की आलोचना कर दी थी। इससे नीलू की फोन पर खूब नोकझोंक हो गई थी। इस घटना के बाद से नवाब सिंह का राजनीतिक प्रभाव सपा में कम होने लगा था।
अब नवाब सिंह पर दुष्कर्म का आरोप लगने पर नीलू ने उसे बचाने के लिए हर जोड़-तोड़ किए, लेकिन सफलता नहीं मिली बल्कि नीलू को आरोपित बना दिया गया। इससे एक दूसरे के बचाव में दोनों भाइयों का राजनीतिक भविष्य चौपट हो गया।