अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद इसमें और वृद्धि हो रही है। इसके अलावा वाराणसी मथुरा चित्रकूट प्रयागराज नैमिषारण्य गोरखपुर जैसे धार्मिक महत्व वाले शहरों सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा कमरों की उपलब्धता पर जोर दे रही है। इसके लिए होम स्टे से लेकर होटलों का निर्माण किया जा रहा है।
Abhigya Times, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा कमरों की उपलब्धता करवाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। होम स्टे के लिए चयनित लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या 80 करोड़ तक पहुंच जाए।
पिछले साल 48 करोड़ पर्यटक आए थे यूपी
पिछले वर्ष प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटकों ने विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भ्रमण किया था। सरकार अब प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र को पांच गुना बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। पर्यटन सेक्टर का योजित सकल मूल्य जहां वित्तीय वर्ष 2016-17 में 11 हजार करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2028 तक सरकार ने इसे बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है।
मंदिर बनने के बाद अयोध्या पहुंच रहे लोग
घरेलू पर्यटकों के आगमन के मामले में उप्र देश में पहले स्थान पर है। पिछले कुछ वर्षों में उप्र में धार्मिक पर्यटन में काफी बढ़ोतरी हुई है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद इसमें और वृद्धि हो रही है।
इसके अलावा वाराणसी, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर जैसे धार्मिक महत्व वाले शहरों सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा कमरों की उपलब्धता पर जोर दे रही है। इसके लिए होम स्टे से लेकर होटलों का निर्माण किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों को अन्य स्थलों के प्रति भी आकर्षित किया जाए।