केंद्रीय बजट 2024 को लेकर नेताओं ने मिक्स रिएक्शन आ रहे हैं। सत्ता पक्ष के लोग तारीफों के पुल बांध रहे हैं तो विपक्ष के नेता कमियां गिनात हुए कह रहे हैं कि बजट में कुछ भी नया नहीं है। सिर्फ लकीर पीटने का काम किया गया है। सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को साधने की कोशिश की गई है। बेरोजगारों को उद्योगपतियों के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।
Abhigya Times, सीतापुर। बजट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपने-अपने हिसाब से प्रतिक्रिया दी। सत्ता पक्ष के नेताओं ने बजट को दूरगामी और सबको राहत देना वाला है। किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों, उद्योग आदि का विशेष ध्यान रखा गया है। वहीं, विपक्ष के नेताओं ने कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है। सिर्फ लकीर पीटने का काम किया गया है। सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को साधने की कोशिश की गई है। बेरोजगारों को उद्योगपतियों के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।
केंद्र सरकार ने बजट में सबका साथ-सबका विकास के साथ ही अन्त्योदय के विचार को भी साकार करने का काम किया है। बजट ने देश को मजबूत नींव देने का काम किया है। इससे विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के प्रयासों को बल मिलेगा। – राजेश शुक्ल, जिलाध्यक्ष, भाजपा
केंद्र सरकार ने बजट में किसी को निराश नहीं किया है। टैक्स स्लेब बढ़ाकर करदाता कर्मचारियों को राहत दी गई है। किसानों और महिलाओं का खास ख्याल रखा गया है। बजट देश को अच्छी दिशा में ले जाएगा। – राजेश वर्मा, पूर्व सांसद
बजट में सरकार की पिछले दस वर्षों की नाकामियां दिखती हैं। सरकार अभी भी 80 प्रतिशत आबादी को दो जून की रोटी कमाने लायक नहीं बना पाई है। सरकार का बजट पूरी तरह से उद्योगपतियों के हक में है। – राकेश राठौर, सांसद, सीतापुर
सरकार ने युवाओं को बड़े उद्योगपतियों के दरवाजे पर खड़ाकर गिड़गड़ाने पर मजबूर कर दिया है। किसानों, महिलाओं, वंचितों के लिए बजट में कुछ नहीं है। – उत्कर्ष अवस्थी, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
केंद्र सरकार ने यूपी की भोली-भाली जनता से बदला लेने का काम किया है। नरेन्द्र मोदी और निर्मला सीतारमण ने सहयोगी दलों के दबाव में आकर बजट पेश किया है। – छत्रपाल यादव, जिलाध्यक्ष, सपा
सरकार ने बजट के नाम लकीर पीटने का काम किया है। बजट बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के सपनों के विपरीत है। इसमें अनुसूचित जाति व पिछड़े-शोषित तबके की भलाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। – विकास राजवंशी, जिलाध्यक्ष, बसपा